Читать книгу चौथाई चाँद - Massimo Longo E Maria Grazia Gullo - Страница 8

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चौथा अध्याय

एक आवाज़ उसके कानों में किसी अजनबी भाषा के शब्द फुसफुसा रही थी

एलियो जल्दी ही उठ गया। इडा आंटी को नज़र अंदाज़ करना नामुमकिन था, जो लगातार उसका नाम ले कर चीख रही थीं। बाहर सूरज निकलने ही वाला था। उसने एक पल के लिए गुलाबी होते हुए आसमान को देखा, उस के मन में पिछली शाम सूरज के डूबने का चित्र खिंच गया और उसने उन शांति के क्षणों को को फिर से जी लिया। लेकिन यह बहुत देर तक नहीं चला क्योंकि उसके कानों में एक तीव्र घंटी सी बजने लगी, जो उसकी आत्मा को छलनी किए दे रही थी और उसने उसे वास्तविकता में आने को मजबूर कर दिया। एलियो, जो अब भी पाजामों में था और आशा कर रहा था कि उसे नाश्ते के लिए जगाया जाएगा, वह रसोई घर में जाने को विवश हो गया।

उसकी आंटी, भाई और बहन पहले ही कपड़े पहन कर और बालों में करीने से कंघी कर के तैयार हो चुके थे, जैसे अभी 5.30 की जगह 8 बज चुके हों। घर में उत्सव का माहौल था; एर्कोल समर कैंप से वापस घर आ रहा था और इडा इस बात से उत्साहित थी कि उनका बेटा वापस घर आ रहा है। वह पाँच दिन तक घर से बाहर था और वह चिंताग्रस्त रही थी। जब से लिबेरो के साथ बचपन में वह हादसा हुआ था, तब से जब भी उसके बच्चे बाहर जाते थे, वह हमेशा चिंतित रहती थी। वह कभी भी उन्हें अपनी नज़रों से दूर नहीं करना चाहती थी।

जैसे ही उसने एलियो को इस अस्तव्यस्त हालत में देखा, एक फौजी अफसर की तरह इडा ने उसे तरो-ताज़ा होने के लिए वापस भेज दिया।

इडा एक मजबूत महिला थी, जिसे जीवन की मुश्किलों ने शक्तिशाली बनाया था। अपने पति की मृत्यु और अपने बेटे के साथ हुई समस्या के बाद उसे इस उससे बिलकुल अलग ज़िंदगी को अपनाना पड़ा था, जैसी वह अपने पति के साथ शहर में जीती रही थी।

उसने उग्रता और दृढ़ता से इस नई चुनौती को अपनाया था। कभी कभी वह अकेले में रो पड़ती थी, लेकिन इसके बावजूद उसने अपनी दृढ़ता को नहीं खोया।

उसका अधिकार पूर्ण लहजा उसकी ढाल था। हालांकि अंदर से वह एक कप केक की तरह मधुर और मुलायम थी।


कुछ देर बाद एलियो, अपने खराब मूड और भूख के बावजूद ठीक से कपड़े पहन कर काफी तरो-ताज़ा हो कर आ गया।

उसे दूध और चॉकलेट और ताज़ा पेस्ट्रियों की महक आ रही थी, जो इडा ने पिछले दिन बनाई थीं।

वे दूध और चोटी के आकार के विभिन्न ख़ुशबुओं वाले ब्रिओच थे: दालचीनी, सौंफ और तिल, उसका पसंदीदा।

उसकी बहन और लिबेरो पहले ही उन्हें दूध में डुबो रहे थे।

लिबेरो ने उससे पूछा:

क्या तुम्हें पता है, आज कौन आ रहा है?

एलियो उसके प्रश्न पर चौंका।

“कौन?” उसने जवाब दिया।

“एर्कोल, मेरा छोटा भाई!”

“एलियो कुछ नहीं कह सका, लेकिन वह अपने हमजोली के बारे में बिलकुल ही भूल गया था।”

“कहाँ से?” उसने पूछा, क्योंकि उन्होंने इस बारे में बात ही नहीं की थी।

“क्या?” गाइया ने जवाब दिया, "इडा आंटी ने हमें कल बताया था।"

“वह समर कैंप से वापस आ रहा है।” लिबेरो ने मुसकुराते हुए बताया।

“दुछत्ती तुम दोनों का इंतज़ार कर रही है।” उनकी आंटी ने ऐसे लहजे में कहा कि बहस की कोई गुंजाइश ही नहीं थी, “चलो एलियो, नाश्ता खत्म करो और काम पर लग जाओ। गाइया जा कर तुम्हारी थोड़ी सहायता करेगी। मुझे एक संदेश पहुंचाने के लिए उसकी आवश्यकता है।”

एलियो ने इस विचार से राहत महसूस करते हुए कि वह कुछ समय दुछत्ती पर अकेले में बिता पाएगा, उसने एक ही सांस में अपना दूध पी लिया। वह खुश था कि वह अपने एमपी3 प्लेयर पर फिर से अपना संगीत सुनने जा रहा था।

उसने घर में सब जगह इसकी तलाश की, लेकिन वह उसे कहीं नहीं मिला। वह रसोईघर में वापस गया और पूछा:

“क्या किसी ने मेरा एमपी3 प्लेयर देखा है?”

“दुर्भाग्य से कल इसे कुछ हो गया था। तुम इसे सोफ़े पर छोड़ गए थे। जब मैं ने सोफाबेड खोला तो यह फ्रेम यान्त्रिकी के बीच फंस गया.....इसमें कुछ भी नहीं बचा है, लेकिन मैं ने मेमोरी कार्ड बचा लिया है।” उसकी आंटी ने कहा, जिसने एक रकाबी से मेमोरी कार्ड निकाला और उसे दिया।

“दिन कितने खराब तरीके से शुरू हुआ है” एलियो सोचता रहा। वह अपनी आम रफ्तार से दुछत्ती की सीढ़ियाँ चढ़ा और बत्ती जलाई।

हर तरफ चीजों का ढेर लगा था। उसे सब कुछ साफ करना था और दो बिस्तरों के लिए जगह बनानी थी। उसके लिए यह सोचना भी बहुत ज़्यादा था। इसलिए उसने कुछ ताज़ा हवा और सूरज की रौशनी अंदर आने देने के लिए बीच की बड़ी सी खिड़की को खोलने और कहीं बैठ कर गाइया के आने का इंतज़ार करने का निर्णय लिया।

लेकिन फिर किसी चीज़ पर उसकी नज़र पड़ी। यह एक किताब थी, जो एक पुराने लकड़ी के बक्से पर रखी थी, और अजीब था कि यह उस किताब के जैसी दिखती थी, जो बूढ़ा आदमी ट्रेन में पढ़ रहा था। यह एक अजीब इत्तेफाक था। निश्चित तौर पर यह बहुत आम किताब नहीं थी, जिससे वह घबरा गया। अचानक वहाँ एक प्रकाश फैल गया और एलियो को एक बुरे शगुन की तरह वह अजीब आवाज़ सुनाई देने लगी, जो उसके कानों में किसी अनजानी भाषा के शब्द फुसफुसा रही थी।

हालांकि वह जानता था कि यह असंभव है, एलियो को डर लगने लगा कि बूढ़ा अंधेरे में यहाँ उसके साथ हो सकता है। उसने बत्ती के स्विच की तलाश की, लेकिन उसे ऑन नहीं कर सका। लाइट बल्ब फट सकता है। एक गहरे तक जड़ें जमाए हुए डर उस पर हावी होने लगा। आवाज़ तेज़ से तेजतर होती जा रही थी और उसके मस्तिष्क में गूंज रही थी। वह अंधेरे में खिड़की टटोलने लगा और सभी चीज़ें, जिनके बीच से वह चल रहा था, उसके साथ घिसटती रहीं।

जब उसे हैंडल मिला तो उसे महसूस हुआ कि इसमें ताला लगा हुआ है और उसने उसे खोलने की आशा में काँच पर मुक्के मारने शुरू कर दिये।

वह काँप रहा था और उसे ठंडे पसीने छूट रहे थे।

अचानक बत्ती जल गई। एलियो पीछे मुड़ा, वह चीखना चाहता था, लेकिन उसकी आवाज़ ही नहीं निकल रही थी।

फिर उसने गाइया को देखा।

“एलियो, क्या तुम ठीक हो? यह सारा शोर कैसा है? क्या तुम्हें चोट लगी है?”

लड़का किसी चादर की तरह सफ़ेद पड़ गया था, काँप रहा था और व्यथित लग रहा था।

गाइया ने उसे कस कर अपनी बाहों में भींच लिया और चिंतित स्वर में उससे फुसफुसाई:

“क्या सब ठीक है? यह फिर से हुआ, है ना? वह चीज़ जो तुम्हें डरा देती है.....”

एलियो ने न तो जवाब दिया, न ही उसे वापस गले लगाया। वह अब भी दूर, बहुत दूर, अपने विचारों की गहराई में था। वह अपनी त्वचा पर उसके आलिंगन की गर्माहट को महसूस नहीं कर पा रहा था। ऐसा लग रहा था कि वह पत्थर का बना है।

जब एलियो अपने आपे में आ गया तो गाइया ने अपने आलिंगन को थोड़ा ढीला कर दिया।

जो पहला काम उसने किया वह यह कि उसने जांच की कि वह पुरानी किताब अब भी वहाँ थी, जहां उसने उसे देखा था, या यह केवल उसकी कल्पना थी।

दुर्भाग्य से यह अब भी वहीं थी। और उसकी दृष्टि फिर से ठंडी पड़ गई।

गाइया ने ध्यान दिया कि अभी क्या हुआ था और वह उस पुरानी किताब के पास गई। वह जानना चाहती थी कि क्या यही उसके भाई की परेशानी का कारण थी? उसने एलियो की नज़र का पीछा किया।

वह बिलकुल उस पुरानी किताब को ही घूर रहा था। वह मुड़ी और उसने उसको उठा लिया और किताब अपने हाथ में लिए उसने उसे संबोधित किया:

“क्या यही तुम्हारे डर का कारण है?”

एलियो ने एक शब्द तक नहीं कहा।

“एलियो, मुझ से बात करो। अगर तुम मुझसे दूर रहने की ज़िद करोगे तो मैं तुम्हारी मदद नहीं कर पाऊँगी।”

“ट्रेन।” एलियो फुसफुसाया।

“ट्रेन? तुम्हारा मतलब क्या है?”

“मैं ने ट्रेन में बिलकुल यही किताब देखी थी।”

“इसमें इतना अजीब क्या है?”

“जब तुम पैंट्री कार में गई थीं, तब वह अजीब बूढ़ा आदमी इसे पढ़ रहा था। वह मेरे पीछे वाली पंक्ति में बैठा था।”

“बहुत से लोग सफर करते समय किताबें पढ़ते हैं।”

“लेकिन यह कोई आम किताब नहीं है, क्या तुम नहीं देख पा रही हो।” एलियो ने जवाब दिया, जो नाराज़ हो गया था।

दरअसल गाइया ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया था कि किताब का मुखपृष्ठ कितना विशिष्ट है, और जब उसने इसे खोला तो वह और भी हैरान रह गई।

यह किसी विदेशी भाषा में लिखी हुई थी। श्वेत-श्याम तस्वीरें पूरे चाँद की रात में जंगल में अजीब सी आकृतियों को दर्शा रही थीं। इसमें से अधिकतर तस्वीरें व्यथित कर देने वाली थीं।

लेकिन उसने उन्हें न देखने का नाटक किया। उसने तुरंत किताब बंद कर दी और उसे कोने में फेंक दिया।

“छोड़ो, यह बस एक संयोग है। यह केवल एक पुरानी किताब है।”

एलियो ने खामोशी बरकरार रखी; उसके कानों में घंटी फिर से बजने लगी थी।

गाइया ने उसका ध्यान भटकाने का प्रयास किया, हालांकि वे भुतहा तस्वीरें उस के दिमाग से निकल ही नहीं रही थीं।

“आओ, इन बक्सों को रौशनी में खिसकाने में मेरी मदद करो। चलो हम रौशनदान के नीचे थोड़ी जगह बनाएँ। यहीं मैं अपना बिस्तर बिछाना चाहती हूँ। दुर्भाग्य से हमें एक ही बिस्तर पर सोना पड़ेगा, और मैं सितारों की रौशनी के साये में सोना चाहती हूँ।”

वे पूरी सुबह अच्छी गति से काम करते रहे। गाइया ने अपनी बकबक से एलियो का ध्यान भटकाने में कामयाबी पाई और जो कुछ हुआ था उसके बाद वह थोड़ा ऊर्जा के साथ प्रतिक्रिया देता दिख रहा था।

उन्होंने पूरी दोपहर हर चीज़ को साफ करने में बिताई, जब तक कि इडा आंटी ने उन्हें थोड़ा आराम करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया। उस रात एर्कोल घर वापस आ रहा था और वे जश्न मनाना चाहते थे।

लिबेरो ने वादा किया था कि वह उन्हें फसल कटाई के उत्सव में नृत्य करने के लिए ले जाएगा, जो कस्बे में होने जा रहा था।

उन्होंने एक कार के हॉर्न के बजने की आवाज़ सुनी। यह पुरानी स्थानीय बस थी, जो सप्ताह में दो बार गुजरती थी। शहर के विभिन्न पडोसों से गुजरने के बाद यह अंततः उनके कस्बे में आती थी। आमतौर पर बच्चे इसका प्रयोग ट्रिसेनटीएरी के अपने समर कैंप से घर वापस लौटने के लिए करते थे, जो मुख्य कस्बे से अधिक दूर नहीं था।

लिबेरो घर से बाहर निकल आया, और हमेशा की तरह उसने अपने भाई को उठा लिया जो अपने भारी बैगपैक को भी उठा नहीं पा रहा था, और उसे घुमा कर सामने के दरवाजे तक ले आया। जब एर्कोल उस भिंची हुई स्थिति से निकला तो उसे अपनी माँ से निपटना पड़ा।

वह प्रेम की इस अभिव्यक्ति से खुश था, लेकिन उसे ऐसा लग रहा था कि वे थोड़ा अति क्रिया कर रहे थे, क्योंकि वह केवल पाँच दिन के लिए ही तो गया था।

उसने प्यार से गाइया के गालों को चूमा, जो उसे बहुत प्यारी लगी थी, और एलियो को ठंडेपन से हैलो कहा, जिसके कारण टीवी और उसके प्यारे विडियो गेम जाते रहे थे।

एरकोल गाइया की उम्र का ही था, और किसी ग्रीक नायक की तरह वह लंबा, मांसल और बलिष्ठ था और वह स्थानीय कुश्ती दल में था।

उसके काले बाल क्रू कट में सँवरे हुए थे। उसकी गहरी आँखें और जैतूनी रंग की त्वचा उसे और भी असभ्य दिखाती थी, जितना कि वह वास्तव में नहीं था। वास्तव में वह अच्छे स्वभाव वाला लड़का था, जो दुर्भावना नहीं पाल सकता था।

रात का खाना समय से पहले ही परोस दिया गया, ताकि उन्हें उत्सव के लिए तैयार होने के लिए ढेर सारा समय मिल जाए। उनके पास उत्सव में जाने के लिए अभी घंटों बाक़ी थे, लेकिन इस अवसर के लिए इडा ने सच्ची दावत का इंतजाम किया था और उन सभी को एक दूसरे को वे सारे पकवान पहुंचाने के लिए समय चाहिए था।

इसके बाद वे जाने के लिए तैयार हो गए।

घर के सभी मर्दों को अपेक्षा से अधिक समय तक इंतज़ार करना पड़ा। इडा और गाइया दोनों बहुत समय ले रही थीं। एलियो मूड में नहीं था। साथ ही वह सोच रहा था कि जो पहनावा पूरे दिन उसने दिखाया था, वह कुछ ज़्यादा ही था। एर्कोल ने जींस पहनी थी और बालों में बहुत सा जेल लगाया था।

लड़कों में लिबेरो को सबसे ज़्यादा समय लगा। वह तब तक अपने कमरे से बाहर नहीं आया, जब तक वह पूरी तरह तैयार नहीं हो गया। वह अपनी कैप्री पैंट और राग-बिरंगी कमीज़ में जीवन से भरपूर लग रहा था, जो सब पर कुछ ज़्यादा ही लगती, लेकिन उस पर जंच रही थी।

उसकी आँखें चमक रही थीं। यह एक ऐसा उत्सव था, जिसका वह सबसे ज़्यादा मज़ा उठाता था।

जैसे ही सब तैयार हो गए, एलियो ने उस यातना से भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे उसकी आंटी के उत्साह ने पकड़ लिया, जो पहचान में ही नहीं आ रही थी। उसने एक काली फूलों वाली ड्रेस और ऊंची एड़ी के जूते पहने थे और उसके बाल उसके कंधों पर लहरा रहे थे। इसके अलावा उसने अपने चेहरे पर मेकअप किया था। उसने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे बाहर तक ले आई।


रास्ते भर वे रौशनियों की, छोटी छोटी झंडियों की और सजावट की तारीफ करते रहे, जो उस साल के उत्सव के आयोजकों द्वारा की गई थी।

सड़क के किनारे सभी आकृतियों में घास के गट्ठर कस्बे को सजा रहे थे।

शहर के केंद्र में युद्ध स्मारक पैरे से बने हुए विशाल पहियों से घिरा हुआ था।

मुख्य चौक पर मंच बनाया गया था, जहां मार्चिंग बैंड का प्रदर्शन होना था।

डांस फ्लोर के चारों ओर सारी कुर्सियों पर बुज़ुर्गों ने कब्जा कर रखा था, जो बातें कर रहे थे और जवान लोगों के नृत्य की तारीफ करने का इंतज़ार कर रहे थे। छोटे बच्चे पहले ही बड़ों की नक़ल करते हुए डांस फ्लोर पर दौड़ लगा रहे थे, जो नृत्य के दौरान उनको नज़र अंदाज़ कर देने वाले थे।

उस रात शहर में हर कोई गाइया और एलियो के आने की बात कर रहा था। बुजुर्ग और बड़े लोग पुराने समय को याद कर रहे थे जब दोनों भाई-बहन शहर आया करते थे।

लोगों के विभिन्न दृष्टिकोण थे: कुछ लोग उन्हें दो गुस्सैलों की तरह याद कर रहे थे, कुछ अन्य अच्छे बच्चों की तरह। दूसरी तरफ उनके पुराने दोस्त पुराने समय को याद कर रहे थे, जब वे स्कूल गोल करके खेतों में गायब हो जाते थे।

कोई कहता कि एलियो अपने पिता के जैसा दिखता है, दूसरा कहता, नहीं गाइया दिखती है। कुछ अन्य इस रहस्य को यह कह कर सुलझाते कि वे अपने दादा-दादी के जैसे दिखते हैं।

इस बीच मार्चिंग बैंड रिहर्सल कर रहा था। हर चीज़ करीब-करीब तैयार थी। मेजबान, या सही सही कहा जाए तो वह व्यक्ति जो हर साल मंच से बोलने के लिए जिम्मेदार था, को स्थानीय अधिकारियों द्वारा मंच पर बुलाया गया।

उसने प्रायोजकों का धन्यवाद करते हुए अपना भाषण समाप्त किया, जबकि सभी शहरवासी पूरी तरह से इस बात से उदासीन थे कि वह क्या कह रहा है और वे जम्हाई ले रहे थे। इसके कुछ ही देर बाद वे इस आशा में तालियों की बरसात करने लगे कि मेजबान ने अपना भाषण समाप्त कर दिया है और अब वह मंच से दफा हो जाएगा और बैंड के लिए जगह खाली करेगा।

जब यह घोषणा हुई कि मेजबान मंच से उतर रहा है, तो और भी भारी शोर-गुल हुआ और खूब तालियाँ बजीं। ऑर्केस्ट्रा का संचालक मंच पर कूद के आया और उसने चारों ओर छड़ी घुमानी शुरू कर दी। ऐन उसी क्षण ट्रोम्बोन की थाप पड़ने लगी, जिसमें बाद में ड्रम की लय मिल गई, फिर सेक्सोफोन बजने लगा, और फिर क्लैरिनेट बजने लगा।

लिबेरो नृत्य के फर्श पर आने वाला पहला व्यक्ति था, साथ में उसकी पसंदीदा साथी थी, जिसके साथ वह हमेशा नृत्य की शुरुआत करता था। अचंभे की बात थी, लिबेरो बेहतरीन नर्तक था और सारी स्थानीय औरतें कम से कम एक बार उसके साथ नृत्य करने का मज़ा लेना चाहती थीं। वह जवान लड़कियों और अधिक उम्र की औरतों, दोनों पर ध्यान देता। उसे नृत्य करना पसंद था और वह अपना निष्काम जुनून अपने साझीदार में भी भरने में सक्षम था।

नृत्य का मंच नृत्य करते हुए लोगों से भर गया था। गाइया को नृत्य करने के लिए कई आमंत्रण मिल रहे थे, और वह भी पीछे नहीं हट रही थी।

एक पल के लिए एलियो को एक अजीब सा अनुभव हुआ। बिना उसको महसूस हुए, उसके पाँव थिरकने लगे।

जैसे ही नृत्य की गति में तेज़ी आने लगी उसकी आंटी ने उसे लहराते हुए हाथ से पकड़ लिया और उसे नृत्य करने और घूमने के लिए प्रेरित किया।

उसने अनपेक्षित रूप से इस निर्णय का विरोध नहीं किया। एक पल के लिए उसने लय को अपने शरीर से निकलते महसूस किया। उसे इतना मज़ा आ रहा था कि अपने चेहरे की मांसपेशियों में एक अजीब से खिंचाव के कारण दर्द महसूस होने लगा था, जो उसने सालों से महसूस नहीं किया था।

वह नृत्य करते हुए अपनी आंटी की बाहों से निकल कर कई दूसरी लड़कियों की बाहों में भी गया, जो कौतूहल और रुचि से उसकी ओर ताक रही थीं।

आखिरी लड़की के साथ नृत्य करना बंद करने के बाद एलियो अपनी सीट पर वापस आ गया। वह अपने खून को अपनी पैरों में प्रवाहित होता हुआ महसूस कर रहा था। अचानक उसे फिर से उस अजीब डरावनी घंटी के बजने की आवाज़ आने लगी, जिसने उसे मुख्य चौक से दूर जाने पर विवश कर दिया। वही संगीत, जिस पर वह कुछ देर पहले नृत्य कर रहा था, बहरा कर देने वाले शोर में बदल गया।

वह गिरिजाघर के साथ बने उद्यान की ओर चल पड़ा, जहां कुछ पुराने ट्रैक्टरों को प्रदर्शित किया गया था। कुछ बच्चों का समूह उन्हें देख रहा था, और उनके आस-पास दौड़ लगा रहा था।

एलियो एक अंधेरे कोने में बैठ गया और उन्हें देखने लगा।

वह सारी हंसी उसके दिमाग में गूंज रही थी और उसे एक पुरानी खुशी की याद दिला रही थी, जिसे बहुत समय पहले दफना दिया गया था।

उसे उस बच्चे से जलन महसूस हो रही थी, जो खुशी-खुशी अपने पिता की ओर दौड़ रहा था और उसका हाथ पकड़ रहा था। जब उसने यह देखा, तो उसकी एक पुरानी याद छलकने लगी: उसके पिता के हाथ की गर्माहट और खुशबू।

उसकी कनपटियों में एक तीव्र दर्द उठा। वह कुछ सोच नहीं पाया। उसने अपना सिर अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया। वह ठंडा पड़ गया।

“एलियो, तुम यहाँ अकेले बैठे क्या कर रहे हो? क्या तुम्हें कुछ तकलीफ है?”

इडा आंटी, जिसने रात भर उस पर से नज़रें नहीं हटाई थीं, उसके बगल में बैठ गई। एलियो ने जवाब नहीं दिया।


खेत की ओर लौटते हुए रास्ते में गाइया अपनी मज़ेदार रात और नए साथियों के बारे में बातें करने से खुद को रोक नहीं पा रही थी।

पहली बार उन्होंने दुछत्ती में रात गुज़ारी। उन्होंने बिस्तर ठीक रोशनदान के नीचे बिछाया था ताकि गाइया सितारों को देखते हुए सो सके, और उसने वही किया।

चौथाई चाँद

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