Читать книгу चौथाई चाँद - Massimo Longo E Maria Grazia Gullo - Страница 5
Оглавлениеपहला अध्याय
जब मैं उसे गले लगाना चाहती हूँ, वह बच कर निकल जाता है.......
“एलियो, एलियो, यहाँ आओ! तूफान आने से पहले किराने का सामान रखने में मेरी सहायता करो, प्लीज।” एलियो अब भी अपने नए जूतों में स्थिर खड़ा था और अपनी माँ को घूर रहा था, जो लगातार जल्दी जल्दी अपने सारे कामों को निपटा रही थी।
“एलियो! वहाँ ऐसे खड़े मत रहो! इसे पकड़ो!” उसने उसको झकझोरा और सब्जियों से भरा हुआ एक बड़ा सा थैला उसकी बाहों में दे दिया।
एलियो और कुछ भी करने के मूड में नहीं था। वह मकान की ऊपरी सीढ़ियों तक चढ़ गया, पीछे घूमा और दरवाजे को धक्का दे कर खोला। उसने लिफ्ट की असहनीय लाल चुभने वाली रौशनी को घूरना शुरू कर दिया। फिर वह प्रतीक्षा करना छोड़ कर अपने फ्लैट की ओर जाने वाली सीढ़ियाँ चढ़ने लगा। उसने सामान रसोई की मेज़ पर रखा और अपने बिस्तर पर लेट कर थोड़ा संगीत सुनने की गरज से सीधा अपने कमरे की ओर चल दिया।
अभी ऊपर आ कर कोई बहुत समय नहीं हुआ था, कि उसकी थकी हुई मां उसकी तलाश में लग गई।
वह दरवाजे पर खड़ी चिल्ला रही थी: "तुम क्या कर रहे हो? हमारा काम अभी तक खत्म नहीं हुआ है, आओ और मेरी मदद करो!"
“हाँ, आ रहा हूँ...” एलियो ने बिना हिले जवाब दिया। दरअसल वो केवल उससे छुटकारा पाना चाहता था।
ज्यूलिया वापस लौट गई, उसे उम्मीद थी कि इस बार उसका बर्ताव कुछ अलग होगा। वह निराश थी। वह अपने खुद के बेटे को प्रोत्साहित करने के लिए संघर्ष कर रही थी, जो अधिक से अधिक तटस्थ होता जा रहा था।
प्रवेशद्वार से वह अपनी बहन के पदचापों को साफ सुन सकता था, जो जोशीली आवाज़ में उसका नाम पुकार रही थी। “एलियो! एलियो! बिस्तर से अपना पिछवाड़ा उठाओ और माँ की मदद करो। वह नीचे तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।” यह जानते हुए भी कि इसका कोई फायदा नहीं होगा, वह चिल्लाती रही ।
एलियो एक इंच भी नहीं हिला। बजाए इसके उसने संगीत की आवाज़ बढ़ा दी और छत की तरफ घूरता रहा, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
ज्यूलिया, जिसे थकान की बजाय अपने बेटे से उस बहस ने ज्यादा निढाल कर दिया था, उसने आखिरकार अपनी बेटी गाइया के साथ मिल कर सामान ऊपर लाने का काम खत्म किया। जब वह अपने पाँच मंज़िला मकान की सीढ़ियाँ चढ़ रही थी, जहां लिफ्ट हर दूसरे दिन खराब हो जाती थी (और विडंबना यह थी कि हर बार जब उसे किराने का सामान ऊपर लाना होता था, यह हमेशा खराब ही होती थी), वह एलियो के बारे में सोचती रही। गियालिंगुआ, जिस इलाके में वे रहते थे, उसके आसपास के अन्य सभी परिषद इलाकों की तरह इस इमारत को भी सफेद और नारंगी रंग में रंगा गया था। उस एस्टेट में, जो बीस फ्लैटों में विभाजित थी, जिनका सामने का हिस्सा इमारत के विपरीत किनारों पर था, उनमें बीस परिवार रहते थे।
“यह आखिरी बार है, जो तुम ने ऐसा किया है!” वह रसोई से उस पर चिल्लाई। “तुम्हारे पिता घर आएँ, उससे पहले हम यह काम खत्म करेंगे!”
एलियो उसे सुन ही नहीं रहा था, वह बस उस नीरस संगीत में डूबा हुआ था। कोई भी चीज़ उसे ऊब और मानसिक उन्माद की उस भावना से निकाल नहीं सकता था, जिससे वह घिरा हुआ था। उसकी नीरस दुनिया उसके लिए एक शरणस्थल थी। यह उसका व्यक्तित्व था और दुनिया को उससे ऊपर उठना होगा।
गाइया बिलकुल अलग थी: वह पंद्रह साल की चमकीली आँखों और छोटे काले बालों वाली लड़की थी। अपनी सारी रुचियों को पूरा करने के लिए चौबीस घंटे उसके लिए कम पड़ते थे।
ज्यूलिया भी एक सक्रिय औरत थी। लेकिन अपनी बेटी के उलट उसके बाल सुनहरे और घुँघराले थे, वह थोड़ी भारी थी लेकिन फुर्तीली और दृढ़ संकल्प थी। वह बयालीस वर्षीय पारंपरिक माँ थी: वह हमेशा समय के साथ भागते हुए, काम और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखती थी।
यह रात के खाने का समय था। हालांकि एलियो के कमरे से कोई शोर नहीं सुनाई दे रहा था। दरअसल जबसे वह अपने बिस्तर पर गया था, और उसने अपने हेडफोन पहने थे, तब से वह हिला तक नहीं था।
उसने मुख्य द्वार के ताले में चाबी डालने की आवाज़ सुनी। उसी समय जबकि दरवाजा अभी आधा ही खुला था, ज्यूलिया गुस्से भरी आवाज़ में आते ही अपने पति पर बरस पड़ी:
“हम यह नहीं करते रह सकते!”
“प्रिये, पहले मुझे घर के अंदर तो आने दो.....”
ज्यूलिया ने अपने पति का चुंबन लिया और वापस शिकायतें करने लगी।
“यह एलियो के बारे में है, है ना?” उसने ऐसी आवाज़ में पूछा, जैसे उसने हथियार डाल दिये हों।
“हाँ, उसी के बारे में है।” ज्यूलिया ने जवाब दिया।
इसी बीच कार्लो ने अपने बैग से एक खाने का डब्बा निकाला जिसे उसने रसोई में छोड़ा। फिर उसने अपने ब्रीफकेस को अलमारी में रखा। उस गर्मी की लहर के कारण, जो इस मई इलाके में आई थी, वह अपने ब्रीफकेस में हमेशा एक अतिरिक्त टीशर्ट रखता था।
वह बयालीस साल का एक दयालु, लंबा और छरहरा आदमी था। उसके बाल पूरी तरह सफ़ेद हो चुके थे, लेकिन एक समय ये बिलकुल उसकी बेटी की तरह हुआ करते थे। उसका पतला मुंह पोपला हो गया था; अपनी तोते जैसी नाक पर वह हमेशा अपना धातु का गोल चश्मा पहने रहता था।
“क्या हम इस बारे में बाद में बात करें?” इस उम्मीद में कि उसकी बीवी दुखी होगी, उसने उस से सज्जनता से पूछा।
“हाँ, तुम ठीक कह रहे हो प्रिय।” उसने जवाब दिया, लेकिन वह बराबर शिकायतें करती ही रही, जब तक खाना लग नहीं गया।
सौभाग्य से, उसकी निराशा को थोड़ी सकारात्मक रोशनी में बदलते हुए, गाइया अपने दिन के बारे में धाराप्रवाह बात करती रही।
खाना लगाना खत्म करते ही ज्यूलिया ने कहा:
“एलियो को बुलाओ।”
“तुम जानती हो कि यह बेकार है।” उसने जवाब दिया। “तुम जानती हो कि जब तक डैड उसे नहीं बुलाएँगे, वह एक इंच भी नहीं हिलेगा....”
तब ज्यूलिया अपने पति की तरफ पलटी:
“वह उस कमरे में तब से है जब से मैं उसे स्कूल से ले कर आई हूँ। वह और भी बिगड़ता जा रहा है।”
“क्या हमने यह तय नहीं किया था कि वह इस समय से अपने दम पर छुटकारा पा लेगा?”
"मैं उस क्षेत्र में थी... मैं किराने का सामान ले रही थी..."
"तुम हमेशा उसको बचाने के लिए बहाने खोजती हो, लेकिन फिर तुम्हीं उसके व्यवहार के बारे में शिकायत करती हो!"
कार्लो अस्वीकृति के भाव में अपना सिर हिला रहा था। फिर वह काउच से उठा और बच्चे के कमरे में गया।
वह कमरे में बिना दस्तक दिये दाखिल हुआ, और उसने एलियो को बिलकुल उसी जगह पर पाया, जहां ज्यूलिया ने उसे छोड़ा था। वह भावहीन आँखों से छत की ओर घूर रहा था, उसने अब भी अपने सफ़ेद वाईफाई हेडफोन पहने थे, और अब तक अपने जूते भी नहीं उतारे थे।
कार्लो को विश्वास नहीं हुआ कि यह वही लड़का है, जिसके साथ वह हमेशा साइकल की सवारी पर जाया करता था। अब वह 16 साल का था, उसके जितना ही लंबा था, और उसकी हरी आँखें अब भी खूबसूरत थीं, लेकिन वह ऐसी दिख रही थीं, जैसे वे निष्प्राण हों। पिछले कुछ सालों में वह अवसाद से पीड़ित था। कार्लो ने उसकी हँसी इतने लंबे समय से नहीं सुनी थी कि वह उसकी आवाज़ भी भूल गया था। उसे दुख होता था कि वह अब उसके साथ उतना समय नहीं बिता पाता, जैसा पहले बिताता था। हालांकि उसे संदेह था कि अब उसके ध्यान देने का कोई असर होगा।
दुर्भाग्य से अब से काफी साल पहले कार्लो की नौकरी चली गई थी, जिससे वे आर्थिक संकट में आ गए थे। कमाई में वृद्धि के बाद, कंपनी को कई अन्य कपनियों की तरह विदेशों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
कार्लो ने नई नौकरी पाने के लिए संघर्ष किया। आखिरकार, उसे एक दूसरे शहर में एक नौकरी की पेशकश की गई। हर दिन उसे काफी दूरी तय करनी पड़ती थी, और यातायात के कई साधन बदलने पड़ते थे, जिसके कारण उसे दिन के अधिकतर समय अपने परिवार से दूर रहना पड़ता था। वह घर लौटने पर इतना थका होता था, कि वह बेसुध हो जाता था। रात के खाने के बाद वह काउच पर लेट जाता और अपनी आँखें खुली रखने की लाख कोशिशों के बावजूद सो जाता।
कार्लो ने उसे हेडफोन उतारने का इशारा किया। एलियो सिर्फ डांट से बचने के लिए उसकी बात मान ली।
“यह खाने का समय है। आओ और खाना खाओ।” उसने आदेश दिया। “तुम्हारी माँ ने बताया कि तुम यहाँ 4 बजे से चिपके हुए हो!”
एलियो बिस्तर से उठ गया, और ज़मीन पर आँखें गड़ाए, अपने पिता के पास गया। फिर अपने पिता की किसी कोशिश के बिना, वह रसोई की तरफ चल दिया।
गाइया पहले से ही मेज़ पर बैठी थी, जो उसने अभी लगाई थी, और अपने दोस्तों को संदेश भेज रही थी और उनके साथ योजनाएँ बना रही थी।
एलियो अपनी बहन के सामने बैठ गया। फिर भी पूरे खाने के दौरान उसने उससे एक भी बात नहीं की।
खाना के दौरान माहौल शांत रहा। एलियो के अलावा हर कोई अपने दिन की घटनाओं के बारे में बात कर रहा था, उसने एक सैंडविच के सिर्फ दो कौर खाए, और जितनी जल्दी हो सका, वापस अपने कमरे में लौट गया। उसकी माँ उसके इस हाव-भाव से नाराज थी, और उसका पिता भी, जिसके चेहरे पर सख्ती थी।
जब कमरे में केवल ज्यूलिया और कार्लो रह गए, और जब वे मेज़ साफ कर रहे थे, तो उन्होंने फिर उसी पुराने विषय पर बात करनी शुरू कर दी: अपने बेटे का खराब व्यवहार।
“हम क्या गलत कर रहे हैं? मैं समझ नहीं पा रही! गाइया कितनी सक्रिय है, खुश और जीवन से भरी हुई!” ज्यूलिया ने कहा।
“मैं ने उसे काफी नज़र अंदाज़ किया है!” कार्लो ने हमेशा की तरह खुद को दोष दिया।
“तुम दुनिया के पहले पिता नहीं हो जिसे बहुत से घंटे घर से दूर बिताने पड़ते हैं। दूसरी तरफ मैं हर शाम घर में रहती हूँ।” उसने फिर से दोहराया, वह नहीं चाहती थी कि उसका पति अपने कंधों पर कोई बोझ महसूस करे।
“यह प्रकृति का सवाल नहीं है, ज्यूलिया, क्योंकि एलियो पहले ऐसा नहीं था, और तुम यह जानती हो।”
“मैं मानती हूँ कि वह ऐसा नहीं था, कार्लो, लेकिन जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे बदल जाते हैं। और तब, वे खराब से खराब हो जाते हैं, है ना? स्कूल में वह बहुत बुरा है। उम्मीद है कि वह विरोध नहीं करेगा, वरना हम उसे ग्रीष्म शिविर में नहीं भेज पाएंगे.....हम उसे ग्रीष्म स्कूल नहीं जाने दे सकते....वह ऊब जाएगा!”
“ज्यूलिया, आम तौर पर दूसरे बच्चे ग्रीष्म स्कूल में मज़े करते हैं। फ्रेन्सेस्का और ज्यूसेप के बच्चे बहुत मज़ा करते हैं। तुम अच्छी तरह जानती हो कि वह ग्रीष्म शिविर में कुछ नहीं करने वाला! हमें दूसरा विकल्प ढूँढना पड़ेगा, कुछ ऐसा, जो उसे संघर्ष करने के लिए उकसाए। वह तो जीवित ही नहीं दिखता। तुम्हें याद है, जब हम उसकी उम्र के थे तो कितने जीवन से भरे हुए थे?”
“बिलकुल याद है! मेरी माँ दरवाजे पर चिल्लाती थीं कि खाना तैयार है। लेकिन अधिकतर समय मैं उन्हें सुनती ही नहीं थी, क्योंकि मैं खेतों में दौड़ने और घास पर लोटने में व्यस्त होती थी। हम स्वतंत्र और खुश थे। निश्चित रूप से हम शहर में उसे वह ज़िंदगी नहीं दे सकते। फिर भी, वह नहीं जानता कि ग्रीष्म शिविर का अधिक से अधिक लाभ कैसे उठाएँ। उसके कोई दोस्त नहीं हैं, उसकी इस नीरसता, जिसमें वह जी रहा है, को दूर करने में उसकी सहायता करने के लिए हम किसी को नहीं बुला सकते। वह किसी को अपने से जुडने नहीं देता। कभी कभी मैं खुद से पूछती हूँ कि वह हमारे बारे में कैसा सोचता है। जब भी मैं उसे गले लगाना चाहती हूँ, वह कतरा कर निकल जाता है....”
“ज्यूलिया, किशोर अपनी माँ द्वारा लिपटाया जाना पसंद नहीं करते। मुझे यकीन है कि वह अब भी हमसे प्यार करता है, लेकिन हम उससे सही तरीके से संवाद नहीं कर पा रहे हैं। हमें कोई नया रास्ता खोजना होगा। हमें एक ऐसा रास्ता ढूँढना होगा जो उसे जगा सके। शायद वह इडा से बात कर सके? उसके दो जवान लड़के हैं। हो सकता है वह हमें कुछ काम की सलाह दे सके।”
“क्या तुम्हें डर है कि वह लिबेरो के जैसा हो जाएगा? कि वह किसी आनुवांशिक मनोवैज्ञानिक विकार से पीड़ित है?”
“नहीं, लिबेरो के साथ मामला दूसरा है। उसकी समस्या उसके पिता की मृत्यु की वजह से थी। लेकिन एक कॉमन बात है, और इडा का अनुभव उपयोगी हो सकता है। जैसे ही वे ग्रामीण इलाके में रहने गए, उसने वाकई उस लड़के के साथ चमत्कार कर दिया। और उसने यह सब अपने दम पर किया! खेत के साथ भी।”
“हाँ, उससे इसका ज़िक्र करो। मुझे तुम्हारी बहन पर भरोसा है। चीजों को देखने का उसका अपना नज़रिया है, और मुझे यह पसंद है।”
“हमें स्कूल की रिपोर्ट कब मिल रही है?” कार्लो ने अपनी पत्नी से पूछा।
“19 जून को....”
“इससे तो निर्णय लेने में बहुत देर हो जाएगी कि क्या करें। तुम उसके इतालवी के शिक्षक से कहो कि वह तुमसे आमने सामने बात कर ले। हमें फैसला करना है कि हमें अपने बच्चों को कहाँ भेजना है। ग्रीष्म शिविर और ग्रीष्म स्कूल, दोनों के दाखिले 19 से पहले बंद हो जाएंगे।” कार्लो ने सलाह दी।
“हाँ, तुम ठीक कहते हो। हालांकि वह स्कूल में उतना खराब प्रदर्शन नहीं कर रहा, लेकिन हमें हालात के बारे में निश्चित होना पड़ेगा। सिर्फ इतना है कि वह जो भी करता है उसे पूरे मन से नहीं करता। क्या तुम्हें पता है कि दूसरी मंज़िल के किरायेदार रहने आ गए हैं? वह अच्छे लोग लगते हैं। श्रीमति गोवाना ने मुझे बताया कि वे यहाँ पोतेंज़ा से आए हैं। वह दूर है! यह शुरू में उनके लिए आसान नहीं रहा होगा। उनका एक बेटा है जो एलियो की उम्र का ही है। मैं किसी शाम उनको आमंत्रित करूंगी....”
तभी ज्यूलिया ने ग़ौर किया कि कार्लो, जो काउच पर लेटा था, पहले ही सो चुका है।
“आओ प्रिय, हम बिस्तर पर चलते हैं।” वह उसको जगाने के लिए धीरे से उसके कान में फुसफुसाई।