Читать книгу वरध तकत - Aldivan Teixeira Torres, Daniele Giuffre' - Страница 14
जवान लड़की
Оглавлениеजब तक सूप तैयार हुआ तब तक पहाड़ों में अँधेरा हो चुका था। रात की ठंडी हवाएं और कीड़ों की भिनभिनाहट माहौल को और गवारू बना रही थी। अजीब औरत अभी तक झोंपडी में नहीं आई थी। मुझे उसके पहुँचने से पहले सब चीजों को सही जगह पर रखना जरूरी था। मैंने सूप को चखा। वह सचमुच में बहुत अच्छा था बावजूद इसके कि उसमें सारे मसाले नहीं थे। मैं झोंपडी से थोड़े देर के लिए बाहर निकला और स्वर्ग की परिकल्पना करने लगा: मेरे प्रयास के सितारे भी गवाह थे। मैं पहाड़ चढ़ा, उसके संरक्षक को ढूंढा और दो चुनौतियां भी पूरी कर ली (एक दूसरे से ज्यादा कठिन थी), एक भूत से मिला और मैं अब भी यहाँ खड़ा हूँ। "गरीब सपनों के लिये ज्यादा तड़पते हैं"। मैं तारों की व्यवस्थाओं तथा उनके प्रकाश को देखने लगा। इस महान ब्रम्हांड में जहाँ हम रहते है वहाँ हर एक का अपना महत्व है। वैसे ही इंसान भी महत्वपूर्ण है। वे अमीर, गरीब, गोरे, काले, एक धर्म के, दूसरे धर्म के या किसी और के उपासक हो सकते हैं। सब एक ही पिता के बच्चे हैं। मैं भी इस ब्रम्हांड में अपनी जगह लेना चाहता हूँ। मैं सोचता हूँ बिना किसी सीमा के। मुझे लगता है कि यह सपना अमूल्य है लेकिन मैं निराशा की गुफा में जाने के लिए उसका मूल्य चुकाने के लिए तैयार हूँ। मैं स्वर्ग के बारे में फिर से एक बार ध्यान करता हूँ और झोंपड़ी में वापस चला जाता हूँ। मैं वहाँ संरक्षक को पाकर अचंभित नहीं होता हूँ।
-क्या आप बहुत देर से यहाँ हो? मुझे पता ही नहीं चला।
- तुम स्वर्ग की तरफ ध्यान करने में इतने मग्न थे कि मैं उस क्षण में तुम्हे भंगित नहीं करना चाहती थी। उस से भी अधिक, मुझे घर जैसा लग रहा था।
- अच्छी बात। अब इस मेज पर बैठ जाओ जो मैंने बनाया है वह सूप तुम्हे परोसता हूँ।
गर्म सूप के साथ मैंने उस अजीब औरत को लौकी भी परोसी जो मुझे जंगल में मिली थी। रात में बहती हवा ने मेरे चेहरे को सहलाया और मेरे कानों में कुछ कहा। वह अजीब औरत कौन थी जिसे मैं परोस रहा था? मैं आश्चर्य में हूँ की क्या वह सच में मुझे बर्बाद करना चाहती है जैसा कि उस भूत ने सूचित किया था। मुझे उसके बारे में कई शक थे और उन सब को दूर करने का यह सही समय था।
- क्या सूप अच्छा है? मैंने बहुत सावधानी से बनाया है।
- यह बहुत ही अच्छा है। तुमने इसे बनाने के लिए क्या उपयोग किया है?
- यह पत्थरों से बना है। मजाक कर रहा हूँ! मैं चिड़ीमार से से एक चिड़िया लाया और प्राकृतिक मसालों का उपयोग किया जो मुझे जंगल में मिले। लेकिन, विषय बदलते हैं, तुम सच में कौन हो ?
- यह अच्छी मेहमाननवाज़ी दिखाना है कि मेजबान अपने बारे में पहले बात करें। तुम्हें पहाड़ की चोटी पर आए अब चार दिन हो गए है और अब तक मुझे तुम्हारा नाम तक नहीं पता।
- बहुत अच्छे। लेकिन यह एक लंबी कहानी है। मेरा नाम अलडीवन टेक्सइरा टोर्रेस है और मैं महाविद्यालय स्तर का गणित पढ़ाता हूं। मेरे दो जूनून साहित्य और गणित हैं। मैं हमेशा से किताब प्रेमी रहा हूँ और बचपन से मैं अपनी किताब लिखना चाहता हूँ। जब मैं उच्च स्कूल में था तो मैंने एक्सीलेसिएस्ट्स(सभोपदेशक) की किताब के कुछ अंश इकठ्ठे किये थे, बुद्धिमता और कहावतें। मैं बहुत खुश था इसके बावजूद कि वह लेख मेरे नहीं थे। मैंने बड़े गर्व से उसे सबको दिखाया। मैंने उच्च शिक्षा पूरी की और कम्प्यूटर का कोर्स किया और पढाई कुछ समय के लिये बंद कर दी। उसके बाद मैंने कालेज से तकनीकी कोर्स करने के कोशिश की। लेकिन मुझे लगा कि वह मेरा क्षेत्र नहीं है। हालांकि मैं उस क्षेत्र में इंटर्नशिप के लिए तैयार था। हालाँकि परीक्षा के दिन पहले कोई अनजान ताकत मुझसे हार मान लेने की जिद्द करती रही। जैसे समय बिताता गया, मैं उतना ज्यादा ही दबाव इस ताकत के द्वारा महसूस करने लगा जब तक मैंने यह निर्णय कर लिया की मैं परीक्षा नहीं दूंगा। दबाव हट गया और मेरा ह्रदय भी शांत हो गया। मुझे लगता है यह किस्मत थी जिसने मुझे जाने नहीं दिया। हम सब को अपनी सीमाओं का आदर करना चाहिए, मैंने बहुत से निवेदन किये, मंजूरी मिली और अब मैं शिक्षा विभाग में प्रशासनिक सहायक के पद पर आसीन हूँ। तीन साल पहले मुझे किस्मत का एक और संकेत मिला। मुझे कुछ समस्या थी और मुझे तंत्रिका अवसाद हो गया। तब से मैं लिखने लगा और कुछ ही समय में उसने उभरने में मेरी मदद की। उसका परिणाम किताब "विज़न ऑफ़ मीडियम" थी जो अभी तक मैंने प्रकाशित नहीं की है। यह सब से मुझे लगा की मैं लिख सकता हूँ और एक पेशेवर हो सकता हूँ। मैं यह सोचता हूँ: मैं वह काम करना चाहता हूँ जो मुझे पसंद है और जिससे मैं खुश रह सकता हूँ। क्या एक गरीब व्यक्ति से पूछने के लिए बहुत ज्यादा है?
- बिलकुल भी नहीं, अलडीवन। तुममे प्रतिभा है जो कि इस दुनिया में बहुत दुर्लभ है। सही समय में तुम सफलता प्राप्त करोगे। जीतने वाले वही होते हैं जो अपने सपनों पर भरोसा करते हैं।
- मैं भरोसा करता हूँ इसलिए मैं यहाँ हूँ जहाँ पर सभ्यता बसाने वाली जरूरी चीजें अभी तक नहीं पहुँच पाईं हैं। मैंने पहाड़ चढ़ने का रास्ता ढूंढ लिया, सभी चुनौतियों पर विजय पाने के लिये। अब मेरे लिए सिर्फ यह ही रह गया है की गुफा में जाऊं और अपने सपनों को पूरा करूँ।
- मैं तुम्हारी मदद करने के लिए यहाँ हूं। जब से यह पहाड़ पवित्र हुआ है तब से मैं इस पहाड़ की संरक्षक हूँ। मेरा मकसद उन सब सपने देखने वालों की मदद करना है जो निराशा की गुफा ढूंढ रहे है। कुछ लोग भौतिकवादी सपने को सच करना चाहते है जैसे कि पैसा, ताकत, सामाजिक प्रतिष्ठा या दूसरे खुदगर्ज सपने। सब असफल हो गए और ऐसा करने वाले सिर्फ कुछ नहीं थे। गुफा सपनों को पूरा करने में निष्पक्ष है।
बातचीत कुछ समय के लिये लगातार चलती रही। मेरा ध्यान धीरे धीरे घट रहा था क्योंकि कोई अजीब सी आवाज मुझे झोंपड़ी के बाहर बुला रही थी। जब भी वो आवाज मुझे पुकारती थी मैं उत्सुकता से बाहर जाना चाहता था। मुझे जाना ही था। मैं जानना चाहता था कि मेरे विचारों में उस अजीब आवाज़ का क्या मतलब है। धीरे से, मैंने अजीब औरत को अलविदा किया और आवाज जिस दिशा से आ रही थी उसी दिशा में चला गया। मेरा क्या इंतज़ार कर रहा है? चलिए पाठकों, संग आगे बढ़ते हैं।
रात ठंडी थी और वह आग्रहपूर्ण आवाज मेरे दिमाग में बसी रही। हम दोनों के बीच कुछ अजीब सा रिश्ता था। मैं कुछ फ़ीट अपनी झोंपड़ी से चल चुका था लेकिन मेरे शरीर की थकान के वजह से वह दूरी मुझे कई मील लग रही थी। जो निर्देश मुझे आंतरिक रूप से मिले वह मुझे अँधेरे में ले जा रहे थे। थकान, अंजान का डर और और उत्सुकता के मिश्रण ने मुझे बाँध रखा था। वह अजीब आवाज किसकी थी ? वह मुझसे क्या चाहती थी ? पहाड़ और उसके राज…....जब से मुझे पहाड़ को जानने का मौका मिला, मैंने इसका आदर करना सीखा। संरक्षक और उसके राज, चुनौतियां जिनका मुझे सामना करना है, भूत से सामना; सब ख़ास हो गए थे। वह उत्तरपूर्व में सबसे ऊंचा भी नहीं था और बहुत प्रभावी भी नहीं था लेकिन वह पवित्र था। वैद्य के मिथ्य और मेरे सपने मुझे यहाँ ले आए थे। मैं सभी चुनौतियां जीतना चाहता था, गुफा में प्रवेश करना चाहता था और मैं अपना निवेदन कहना चाहता था। मैं एक बदला हुआ इंसान हो जाऊंगा। मैं सिर्फ मैं नहीं रहूंगा लेकिन मैं वह इंसान हो जाऊँगा जिसने गुफा और उसके आग पर जीत पा ली है। मुझे संरक्षक की कही बात याद है कि ज्यादा भरोसा मत करना। मुझे जीसस की बात याद है जिन्होंने कहा था:
- वह जो मुझ पर भरोसा करेगा वह अनंतकाल तक जीएगा।
खतरा मुझे अपने सपनों को छोड़ने वाला बना देगा। इस विचार के साथ मैं ज्यादा विश्वास से भर गया हूँ। आवाज ताकतवर और ताकतवर होती जा रही है। मुझे लगता है मैं अपने गंतव्य में पहुँचने वाला हूँ। मुझे सामने, एक झोंपड़ा दिखाई दिया। आवाज मुझे वहां जाने को कहती है।
झोंपड़ा और जलती आग एक सतही जगह पर है। एक जवान, लंबी औए पतली सी लड़की, काले बालों वाली, किसी तरह की खाने को भून रही है।
- तो तुम पहुंच गए। मुझे पता था मेरे बुलाने पर तुम आओगे।
- तुम कौन हो? तुम्हें मुझसे क्या चाहिये ?
- मैं भी एक सपने देखने वाली हूँ जो गुफा में प्रवेश करना चाहती है।
- तुम्हारे पास ऐसी क्या ख़ास शक्तियां है जो मुझे अपने दिमाग से बुला लिया?
- यह टेलीपैथी है, बेवकूफ। क्या तुम इसके बारे में नहीं जानते?
- मैनें इसके बारे में सुना है, क्या तुम मुझे सिखा सकती हो?
- तुम एक दिन सीख जाओगे पर मुझसे नहीं। मुझे बताओ कैसे सपनों ने तुम्हे यहाँ बुलाया है?
- सबसे पहले, मेरा नाम अलडीवन है। मैं पहाड़ों पर इस उम्मीद से चढ़ा की मुझे अपनी “विरोधी ताक़तें” मिलेंगी। वो मेरा भविष्य परिभाषित करेंगी। जब कोई अपनी “विरोधी ताकतों” को नियंत्रण में कर लेता है तो वह चमत्कार करने के काबिल हो जाता है। यही है वह जिसे मैं हासिल करना चाहता हूँ मेरा सपना है कि अपने पसंदीदा क्षेत्र में काम करना चाहता हूँ जिसमे मैं खुश रह सकूँ और कई लोगों को सपने दिखा सकूँ। मैं गुफा में जाना चाहता हूँ लेकिन सिर्फ अपने लिये नहीं बल्कि इस पूरे ब्रम्हांड के लिए जिसने मुझे ये तोहफे दिये हैं। दुनिया में मेरी जगह होगी और ऐसे मैं खुश रहूँगा।
- मेरा नाम नादजा है। मैं परनामबुको तट की रहने वाली हूँ। अपने यहाँ मैंने इस जादुई पहाड़ और गुफा के बारे में बहुत बातें सुनी है। तुरंत ही मुझे इस यात्रा को करने में दिलचस्पी हुई थी इस विचार के बाद भी कि यह सिर्फ एक कल्पित कहानी है। मैनें अपना सामान इकठ्ठा किया और, चल पड़ी, और मिमोसो पहुँची और पहाड़ों में आ गई। मैंने जैकपॉट मारा अब जब मैं यहाँ हूँ, मैं गुफा में जाऊंगी और मैं अपनी इच्छा पूरी कर लूंगी। मैं एक महान देवी होऊँगी, ताकतों और वरदानों से भरपूर। सब मेरी सेवा करेंगे। तुम्हारे सपने तो बहुत बकवास हैं। लेकिन क्यों कम मांगे जब हम सब सारा संसार मांग सकते है ?
- तुम गलत हो। गुफा कोई छोटे मोटे चमतकार नहीं करती। तुम असफल हो जाओगी। संरक्षक तुम्हे प्रवेश नहीं करने देंगे। गुफा में प्रवेश करने के लिये तुम्हे तीन चुनौतियां जीतनी पड़ेंगी। मैंने पहले दो पड़ाव पर कर लिये हैं। तुमने कितने जीते हैं?
- कितना बचकाना है, चुनैतियां और संरक्षक। गुफा उन्ही की इज़्ज़त करती है जो सबसे ताकतवर और सबसे ज्यादा विश्वासी होते हैं। मैं कल अपनी आकांक्षाओ को पूरा कर लूंगी और मुझे कोई नहीं रोक सकता, सुना तुमने?
- तुम ज्यादा अच्छा जानती हो। जब तुम्हें पछतावा होगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। मुझे लगता है मुझे चलना चाहिये मुझे आराम की जरूरत है क्योंकि बहुत देर हो चुकी है। मैं तुम्हे शुभकामनायें नहीं दे सकता क्योंकि तुम तो परमेश्वर से भी महान होना चाहती हो। जब मनुष्य इस जगह पर पहुँच जाता है तो वह खुद को बर्बाद कर लेता है।
- बेकार है सब, सिर्फ कहने की बातें है। कोई भी चीज मुझे अपने निर्णय लेने से नहीं रोक सकती।
यह देखते हुए की वह अटल है मैंने प्रयास करना छोड़ दिया, उसके लिए बुरा लग रहा था। कैसे लोग इतने तुच्छ हो सकते हैं? इंसान सिर्फ उसी समय सही होते हैं जब वे सच और समतावादी आदर्शों के लिए लड़ते हैं। रास्ते पर चलते हुए मुझे याद आया कि कितनी बार मैं गलत था या तो कमजोर आंकलन की वजह से या फिर दूसरे की उपेक्षा से आए हुए से। यह मुझे उदास करता था। ऊपर से, मेरा परिवार मेरे सपनों के खिलाफ था और मुझ पर भरोसा नहीं करते थे। यह बहुत ही दुखदायी था। एक दिन वह देखेंगे कि सपने पूरे हो सकते हैं। उस दिन, यह सब पूरा करने के बाद मैं अपने जीत की ख़ुशी मनाऊँगा औए बनाने वाले का गुणगान करूंगा। उसने मुझे सब दिया और बस यही चाहा की मैं अपने तोहफों को दूसरों के संग बाटूँ, क्योंकि बाइबिल कहती है, चिमनी जलाने के बाद उसे मेज के नीचे मत रखो इसके बजाए उसे ऊपर रखो क्यूंकि सभी के लिए इसे सराहना और प्रबुद्ध होना चाहिए। रास्ता खत्म होता है और मैं देखता हूँ उस झोंपडी को मैंने जिसे इतनी मेहनत से बनाया है। मुझे सोने जाना है क्योंकि कल दूसरा दिन है और मेरे पास अपने और दुनिया के लिये योजनाएं है। शुभरात्रि, पाठको। अगले अध्याय तक…..........